pomeranian dog की सम्पूर्ण जानकारी 

अगर आप सोंच रहेहो के एक पेट (pet) घर लाने के बारे मे या फिर आप के पास कोई पेट (pet) है। तो यह पोस्ट उनलोगो के लिए है। दोस्तों आज हम बार कर ने वाले है एक छोटा सा पप्पी जिसे बहत से लोग toy पप्पी भी बोलते है। हां दोस्तों हम पोमेंरानिआं पप्पी के बारे मे ही बात कररहे है।

pomeranian dog care tips in hindi




Pomeranian Dog
Names Deutscher spits, Zwergspits, Dwarf spits
Nick name Pom dog, pom, pom pom, zwers, tumbleweed
Height 18 to 30 cm (7 to 12)inch
Weight 1.4 to 3.2 kg
Life span 12 to 14 year


Pomeranian कहा से आये?

पोमेरेनियन (अक्सर pom के रूप में जाना जाता है) स्पिट्ज (Spitz)  प्रकार के कुत्ते की एक नस्ल है जिसका जन्म पोलैंड ओर ज़र्मन के बीच पोमेरानिया क्षेत्र मे हुआ था इसलिए इसका नाम पोमेरियन है। अपने छोटे आकार के कारण खिलौना कुत्ते की नस्ल के रूप में वर्गीकृत (Classed) है , पोमेरेनियन बड़े स्पिट्ज-प्रकार के कुत्तों, विशेष रूप से जर्मन स्पिट्ज के वंशज हैं। यह जर्मन स्पिट्ज नस्ल का हिस्सा बनने के लिए Fédération Cynologique Internationale द्वारा निर्धारित किया गया है; और कई देशों में, उन्हें ज़्वर्गस्पिट्ज ("बौने स्पिट्ज") के रूप में जाना जाता है।

Pomeranian दिखने मे कैसे होते है?

वे सघन (compact) लेकिन मजबूत कुत्ते हैं जिनके पास प्रचुर मात्रा में बनावट वाला कोट है, जिसमें अत्यधिक बाल वाली पूंछ ऊंची और प्लेन है।  गर्दन पर रोयां का एक रफ (ruff) बनाता है, जिसके लिए पोम अच्छी तरह से जाने जाते हैं, और उनके पीछे के हिस्से पर पंखदार बालों का किनारा भी होता है।

किन रंगों मे Pomeranian पाए जाते है?

पोमेरेनियन शुरुआती समय मे सफेद ओर कभी-कभी भूरे या काले थे। आधुनिक समय में, पोमेरेनियन किसी भी कुत्ते की नस्ल के रंगों की व्यापक विविधता में आता है। साथ ही उन रंगों का संयोजन। सबसे आम रंग नारंगी, काला या क्रीम/सफ़ेद हैं। 

Pomeranian प्रसिद्ध कैसे हुवे?

Queen Charlotte की पोती, Queen Victoria भी एक उत्साही थी और उसने एक बड़े प्रजनन केनेल की स्थापना की। उसके पसंदीदा कुत्तों में से एक तुलनात्मक रूप से छोटा लाल सेबल पोमेरेनियन था जिसे उसने संभवतः "Windsor's Marco" नाम दिया था और उसका वजन 5.4 किलोग्राम बताया गया था। जब उसने पहली बार 1891 में Marco का प्रदर्शन किया, तो इसने छोटे प्रकार के पोमेरेनियन को तुरंत लोकप्रिय बना दिया और प्रजनकों ने प्रजनन के लिए केवल छोटे नमूनों का चयन करना शुरू कर दिया। उसके जीवनकाल के दौरान, पोमेरेनियन नस्ल के आकार में 50% की कमी दर्ज की गई थी। Queen Victoria ने अपने प्रजनन कार्यक्रम में शामिल करने के लिए विभिन्न यूरोपीय देशों से अलग-अलग रंगों के छोटे पोमेरेनियन ला कर पोमेरेनियन नस्ल को ठीक करना और बढ़ावा देने के लिए काम किया था।

Pomeranian डॉग का व्यवहार कैसा है?

पोमेरेनियन आमतौर पर मिलनसार, जीवंत और चंचल होते हैं। वे खुद को साबित करने की कोशिश करने के लिए अन्य कुत्तों और मनुष्यों के साथ आक्रामक हो सकते हैं। पोमेरेनियन अपने पर्यावरण में परिवर्तन के बारे में सतर्क और जागरूक हैं ।वे अपने क्षेत्र के लिए कुछ हद तक रक्षात्मक होते हैं और इस प्रकार जब वे बाहर का शोर सुनते हैं तो भौंक सकते हैं। पोमेरेनियन बुद्धिमान हैं, प्रशिक्षण के लिए अच्छी प्रतिक्रिया देते हैं, और वे अपने मालिकों से जो चाहते हैं उसे प्राप्त करने में बहुत सफल हो सकते हैं। वे बहिर्मुखी होते हैं और ध्यान का केंद्र बनना पसंद करते हैं, लेकिन अगर वे अच्छी तरह से प्रशिक्षित और सामाजिक नहीं हैं तो वे प्रमुख, दृढ़ इच्छाशक्ति और जिद्दी बन सकते हैं।

pomeranian puppy का डाइट प्लान 

दोस्तों खाने पीने मे भी pomeranian का बहत ही ख्याल रखना पड़ता है। वरना बहत ही मुश्किल होजाती है उनको बड़ा करना ओर हैल्थी रखने मे। हमने जो डाइट प्लान बताया है इस पोस्ट मे अगर उसे आप follow करेंगे तो आप काफी हद तक परेशानियों से दूर रहेंगे।

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जन्म से लेकर एक महीने तक के पप्पी को क्या खिलाये?

जन्म से लेकर एक महीने तक हमें सिर्फ मदर मिल्क ही देना ही देना है यानि माँ का दूध ही देना है। किसी भी परिस्थिति में अगर मां का दूध न मिले तब हमें मार्केट से दूध लाकर के इस्तेमाल करना है वो भी किसी गाय भैंस बकरी का नहीं लाना है।

पप्पीस के लिए अलग से एक मिलकर रिप्लेस मिलता है मार्केट में मिल्क रिप्लेस कर वो आप लेकर आए और दूध की जगह अब वो पिलाएं।

एक महीने से तीन महीने के पप्पी को क्या खिलाये?

Pomeranian पप्पी एक महीने से बड़ा हो जाता है तो उसको एक महीने से लेकर के और तीन महीने तक हमें स्टार्टर फूड देना है यह बहुत ज्यादा जरूरी विषय है क्योंकि तीन महीने तक इनकी जो मृत्युदर दर (mortalities ) होती है वह ज्यादा होती है।

तीन महीने तक pomeranian puppys का बिशेष खाने का ख्याल रखना है। कोई भी बाहर का खाना उन्हें नहीं देना है जिससे उनकी तबीयत बिगड़ जाए । सिर्फ उन्हें स्टार्टर फ़ूड ही देना है।

एक दिन मे कितने बार देना है?

ऐसा नहीं कि पप्पी का जो स्टार्टर फ़ूड है वह अपने मन से जब चाहे देदिया। आपको पूरा का पूरा डाइट जो है उस पर जो भी आप स्टार्टर फ़ूड लेकर आएंगे उस पर स्ट्रिप होती है। उस पर लिखा हुआ रहता है कि आपको पर डे वजन के हिसाब से आपके पप्पी को इतना देना है।

स्टार्टर पप्पी को कब ओर कैसे दे?

एक दिन के स्टार्टर को आप चार भागो मे डिवाइ करले ओर इसको हर चार घंटे के अंतरल मे दें।

स्टार्टर बहत ही सख्त होता है जिससे पप्पी को खाने मे बहत दिक्कत होंगी। इसलिए इस स्टार्टर को milk replacer से मिक्स करके सॉफ्ट करदेना है। जिससे पप्पी आसानी से कहा सके।

इसके अलावा अगर आप का पुप्पी दो महीने का होगया है तो आप चाहे तो बिना छिलके ओर बिना बीच का एप्पल को लाइट बायलड करके दे सकते है. या बायलड pumpkin आप थोड़ी मात्र मे दे सकते है।

तीन महीने से छे महीने तक क्या खिलाये?

पोमेंरानिआन पप्पी जब तीन महीने का हो जाये तो उसे अब फ़ूड की तरफ लाना है. याने स्टार्टर के साथ साथ हल्का फुल्का फ़ूड भी देना सूरे करदें।

जैसा की हम ने कहा स्टार्टर से पप्पी फ़ूड के तरफ लाना है इसका मतलब यह नहीं के आप एक बार से पप्पी फ़ूड देना सुरु करदें. इससे आप के पप्पी के सीहत मे बहत बुरा असर पड़ेगा। पप्पी फ़ूड कैसे सुरु करें हम आप को बताएँगे।

सुबह के वक़्त जितना आप स्टार्टर फ़ूड दे रहेथे तीन महीनेसे पहले उसकी मात्र को थोड़ा सा कमा कर आप उसके साथ दही (curd) थोड़ा मात्र मे मिलाकर दें. उसके बाद जैसे आप दूसरे बार दोपहर (lunch) के वक़्त आप फिर से स्टार्टर फ़ूड के मात्र को थोड़ा सा कमा कर उसके साथ थोड़ी मात्र मे ब्राउन राइस (brown rice), वाइट राइस (white rice), पनीर, इनमे से कोई भी दे सकते है।

ठीक इसे तरह शाम (evening) के वक़्त आप पप्पी को लाइट फ़ूड जैसे के डॉग बिस्कुट, कच्चा एप्पल, बनाना, या फिर पेपया भी बिलकुल थोड़ी मात्र मे देना आरम्भ करें ।

एक ख़ास बात ओर के अगर आप शाम के वक़्त थोड़ी मात्र मे पप्पी फ़ूड को milk replacer के साथ नंम करके दें यह पप्पी के लिए सबसे बेहतर होगा।

रात्रि भोजन मे आप पप्पी के स्टार्टर फ़ूड मे एक दिन उबला अंडा (boiled egg) ओर एक दिन boiled pupmkin देना सुरु करदें।

इसी तरह खिलाते हुवे हमें पप्पी को पप्पी फ़ूड के तरफ लाना है मतलब हर दिन स्टार्टर फ़ूड का मात्र कामना है ओर पप्पी फ़ूड का मात्र बढ़ाना है यहाँ तक बढ़ाना है के जब पप्पी छे जाये तब तक पप्पी पूरी तरीके से पप्पी फ़ूड पर आजाये।


Note:"ध्यान रहे दोस्तों एक दिन अंडा ओर एक दिन pumpkin देना है नाकि हर दिन अंडा देना है ओर नाकि हर दिन pumpkin देना है "

छे महीने से लेकर आठहारा महीने तक क्या खिलाये?

दोस्तों अब छे महीने से आठहरा महीने तक का जो फ़ूड देंगे उसे भी हमें सोंच समझ कर ओर पप्पी के हेल्थ का ध्यान रखते हुई देनी है।

दोस्तों अब हमारा पप्पी छे महीने से पप्पी फ़ूड खाने के लिए तैयार हो चूका होगा तो हमें पप्पी फ़ूड दे सकते है।

  • सुबह के वक़्त हमें दही मॉइस्चर करके देना है ता फिर सिर्फ दही   देसकते है |
  • दोपहर (lunch) मे हमें ब्राउन राइस, white राइस, पनीर इनमे से कोई  भी देसकता ते है।
  • शाम (evening) मे हमें लाइट फ़ूड देना है (as a treat) जैसे के डॉग बिस्किट्स, पेपया, बनाना, (थोड़ी मात्र मे )
  • रात मे (dinner) हमें मीट, चिकन देना सुरु कर सकते है। आप चाहे तो सिर्फ मीट या चिकन दे सकते है। या फिर आप पानी के साथ मॉइस्चर करके भी दे सक ते है।

ध्यान रहे दोस्तों अगर आप मीट या चिकन दे रहे है तो अन्य पप्पी फ़ूड का मात्र थोड़ी काम करदें।

अगर आप को लगता है के पप्पी के अंदर कोई ग्रोथ नहीं हो रहा है। तो आप doctor से सलहा लेकर multivitamin ओर calcium cyrup सुरु कर सकते है।


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Pomeranian dog का ख्याल कैसे रखे?

पोमेरेनियन पॉपुलर डॉग मीडिया और काफी एक्टिव डॉग होती है ये pomeranian का जो फॉर(fur) सॉफ्ट फ्लॉपी होता है अंदर कोर्ट का और स्ट्रेट शाइनी टॉप कोड होता है और इतने सारे fur के कारण यह भी काफी क्यूट तो लगता ही है लेकिन इसको मेंटेन करने में काफी प्रॉब्लम होती है ख़ास कर ग्रूमिंग के मामले में। तो चलिए दोस्तों इनका जत्न कैसे करें जानते है।

अगर हम जत्न की बात कर रहे है तो दोस्तों सबसे पहली बात आती है ग्रूमिंग की यह थोड़ा सा मुश्किल काम हो सकता है आपो के लिए अगर आपने पहले नहीं किया या जरा भी ध्यान दिया है तो।

पोमेरियन के fur थोड़े ज्यादा होते हैं इसलिए वहां पर आपको थोड़ा एक्स्ट्रा ध्यान की जरूरत है यह शेअरड (sheared) नहीं करते रेगुलर ली लेकिन जब करते हैं तो आपको प्रॉपर लि उसकी टेक केयर करनी पड़ेगी यानी शेडिंग (shearding) सीजन आता है तब। ब्रशिंग इस के ईन और आउटर कोड दोनों जगह ब्रशिंग अच्छे से हो जाए जिससे से इसके जो हेयर फॉल हुआ वह उधर ना रह जाये ओर नई हेयर आ सके अच्छे से।

शैम्पू आप यूज कर सकते हो लेकिन ह्यूमन (human) शैंपू यूज नहीं करना है कई सारे अलग अलग ब्रांड आते हैं जो आपकी डॉग कि कोर्ट को शाइनी बनाता है साथ साथ कई और चीजें होती है जो कोर्ट के लिए इंपॉर्टेंट होती है ऐसी sampoo चुने जिसमें सब कुछ मिल आपको।

ह्यूमन (human) प्रोडक्ट्स आप जितना यूज करोगे उतनी एलर्जी बढेगी डॉग की स्किन खराब होगी हेयर फॉल भी बहुत ज्यादा होगा तो अगर आप ग्रूमिंग की बात करें तो इसमें आपको ब्रशिंग प्रॉपर्टी करनी है शैंपू अच्छे सेलेक्ट करने है ह्यूमन प्रोडक्ट यूज नहीं करना इन सब चीजों का ध्यान रखना जरूरी है।

vaccination ओर Deworming 

Deworming

दोस्तों हमने देखा के अक्सर पप्पी बाहर का सामान कुछ खा लेते है। या फिर कोई पदार्थ को चबा ते रहते है। जिस कारण उन की पेट ख़राब हो जाती है। ओर फिर खाने वक़्त बहत परेशान करते है। इस लिए हमें चाहिए के पप्पी को deworming कराये।

जब पप्पी को एक दिन से लेकर तीन महीने तक के अंदर हर चौदा (14) मे एक बार deworming दवाई दिया जाता है।

अगर आप चाहे तो अपने doctor के सलाह से deworming करा भी सकते है।

vaccination

अगर आप देवॉर्निंग ओर वैक्सीनेशन नहीं करते तो आगे चलकर उसमें काफी सारे बीमारी देखने को मिल सकती है हेल्थ इशू देखने को मिल सकते हैं।

वैक्सीनेशन का खर्चा जब पप्पी होता है तब थोड़ा होता है। उसके बाद हर साल मे वैक्सीनेशन लगती है ।

Vaccination के फायदे 

अगर आप का डॉग किसी को काट ले तो उसको काट ने से कोई खतरा नहीं होगा। दूसरा काथेराइड या कैंसर रोग जैसे कई सारी डिजीज हो सकती है। जो इस वैक्सीनेशन लगा ने की वजह से इन बीमारियों का खतरा काम हो जाता है।

ट्रेनिंग

अगर आप अपने पप्पी को ठीक से ट्रेंड नहीं करोगे तो वह आपकी बात नहीं मानेगा और कई सारे ऐसे बिहेवियर आपको देखने को मिलेंगे जिसके चलते आपको भी प्रॉब्लम होगी कोई गैस्ट आपके घर पर आए तो उनको भी प्रॉब्लम होगी।

आप बेसिक कमान से स्टार्ट कर सकते हो जैसे कि सीट, लाइए डाउन, वेट, कम, हील, ऐसे कई सारे बेसिक ट्रेनिंग दे सकते हो अपने डॉग को ट्रेनिंग के दौरान।

ट्रेनिंग में एक और ख़ास बात आजाती है ओर वो एक्सरसाइज अगर आप अपने डॉग को हेल्थ इशू नहीं देना चाहते तो एक्सरसाइज काफी इंपॉर्टेंट होती है आप बस उन्हें दिन में एक या दो बार वॉकिंग के लिए जरूर ले जाए।

अगर ओवर फीड करा रहे हो अपने डॉग को ओर ओबेसिटी की प्रॉब्लम आ जाती है या वो वेट गेन कर लेता है तो वॉकिंग के कारण काफी ज्यादा बेनिफिट होगा उसका वेट भी कम होगा ओर उसका शरीर मेंटेन रहेगा साथ साथ एक्सेस करने से वह काफी स्ट्रॉन्ग भी बनेगा ओर उसकी बोनस भी अच्छा रहेगा।

कभी कभी कुछ खाते ही नहीं उन्हें भूख नहीं लगती तो वॉकिंग करने के कारण उनको भूख भी लग सकती है इसलिए एक्सरसाइज करना काफी जरूरी है आप कुछ भी एक्सरसाइज दे सकते हैं वॉकिंग जरूरी नहीं है अगर चाहे तो आप उनके साथ फचिंग खेल सकते हो या फिर उनके साथ toy के साथ खेल सकते जिससे उसकी एक्सरसाइज हो जाए।

Oral problem

बहत सारे लोग इस चीज़ को भूल जाते हैं के उनकी आइस (eyes) नील्स (nails) और तीर्थ (teeth) यानी ओरल प्रॉब्लम में ध्यान देना। कम से कम हर वीक (week) एक बार आपने चेक करना है सबसे पहले आइस (eyes) देख लेना है क्लीयर है या आँखों मे कोई रेडनेस दिखाई दे रही है या नहीं।

दूसरा आप के डॉग की दाँत ब्रश करते रहना है ओर देखते रहना है के दाँत (teeth) या गम (gum) मे कोई प्रॉब्लम तो नहीं है।

तिरसा उनके नेल्स (nails) को सही तरीके से काटते रहना है ज्यादा बड़ा नहीं छोड़ना है।

चौथा अपने डॉग को socialize करके जरूर रखें  आप के डॉग का जो एंग्री मूभ होगा वो काफी हद तक सांत रहेगा ओर डॉग फ्रेंडली रहेगा।

"दोस्तों अगर आपको कोई ज्यादा गंभीर समस्या अपने डॉग मे दिखाई देती थे तो तुरंत अपने doctor से सलहा ले "



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 आपका दिन शुभ हों 

 धन्यबाद